लेखक:
काशीनाथ सिंह
जन्म : बनारस जिले के जीयनपुर गाँव में 1 जनवरी, 1937
शिक्षा : आरम्भिक शिक्षा गाँव के पास के विद्यालयों में। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से हिन्दी में एम.ए. (59) और पी-एच.डी. (68)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में हिन्दी भाषा का ऐतिहासिक व्याकरण’ कार्यालय में शोध-सहायक ('62-64)। '65 में वहीं के हिन्दी विभाग में प्राध्यापक, फिर प्रोफेसर एवं अध्यक्ष पद से '97 में सेवा मुक्त। पहली कहानी संकट' कृति पत्रिका (सितंबर, 1960) में प्रकाशित । कृतियाँ: लोग बिस्तरों पर, सुबह का डर, आदमीनामा, नई तारीख, सदी का सबसे बड़ा आदमी, कल की फटेहाल कहानियाँ, दस प्रतिनिधि कहानियाँ, कहनी उपखान (कहानी-संग्रह); घोआस (नाटक); हिन्दी में संयुक्त क्रियाएँ (शोध); आलोचना भी रचना है (समीक्षा); अपना मोर्चा, काशी का अस्सी (उपन्यास); याद हो कि न याद हो, आछे दिन पाछे गए (संस्मरण)। अयना मोर्चा का जापानी एवं कोरियाई भाषाओं में अनुवाद। जापानी में कहानियों का अनूदित संग्रह। कई कहानियों के भारतीय और अन्य विदेशी भाषाओं में अनुवाद। उपन्यास और कहानियों की रंग-प्रस्तुतियाँ। 'तीसरी दुनिया' के 'लेखकों-संस्कृति कर्मियों के सम्मेलन' के सिलसिले में जापान-यात्रा (नवंबर, '81) सम्मान : कथा सम्मान, समुच्चय सम्मान, शरद जोशी सम्मान, साहित्य भूषण सम्मान, और ‘रेहन पर रग्घू' उपन्यास पर 2011 का साहित्य अकादेमी पुरस्कार। सम्प्रति : बनारस में रहकर स्वतंत्र लेखन । |
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अपना मोर्चाकाशीनाथ सिंह
मूल्य: $ 10.95
अपना मोर्चा... आगे... |
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आदमीनामाकाशीनाथ सिंह
मूल्य: $ 10.95
यह संकलन समकालीन कथा परिदृश्य में अपनी मौलिक एवं विशिष्ट पहचान दर्ज करता है। आगे... |
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आहटें सुन रहा हूँ यादों कीकाशीनाथ सिंह
मूल्य: $ 12.95 |
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उपसंहारकाशीनाथ सिंह
मूल्य: $ 10.95 |
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कहनी उपखानकाशीनाथ सिंह
मूल्य: $ 24.95
कहनी उपखान काशी की सारी छोटी-बड़ी कहानियों का संग्रह है आगे... |
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काशी का अस्सीकाशीनाथ सिंह
मूल्य: $ 12.95
प्रस्तुत है जिन्दगी और जिन्दादिली से भरा एक अलग किस्म का उपन्यास... आगे... |
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घर का जोगी जोगड़ाकाशीनाथ सिंह
मूल्य: $ 10.95
प्रस्तुत है काशीनाथ सिंह का संस्मरण आगे... |
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पत्ता पत्ता बूटा बूटाकाशीनाथ सिंह
मूल्य: $ 16.95 |
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प्रतिनिधि कहानियाँ : काशीनाथ सिंहकाशीनाथ सिंह
मूल्य: $ 6.95
ध्वस्त होते पुराने समाज, व्यक्ति-मूल्यों तथा नई आकांक्षाओं के बीच जिस अर्थद्वन्द को जन-सामान्य झेल रहा है, उसकी टकराहटों से उपजी, भयावह अन्तःसंघर्ष को रेखांकित करती हुई ये कहानियों पाठक को सहज ही अपनी-सी लगने लगती हैं। आगे... |
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बातें हैं बातों का क्याकाशीनाथ सिंह
मूल्य: $ 16.95 |